लेखनी प्रतियोगिता -14-Mar-2023 प्रेम ने की नाइंसाफी
बलराज का अपने गांव में बहुत मान सम्मान था। गांव में कभी भी किसी भी समस्या के हल के लिए पंचायत होती थी तो बलराज ऐसा फैसला करता था, जैसा कि कोर्ट में जज करता है।
गांव की चौपाल में बलराज जब भी किसी समस्या का हल कर देता था तो गांव वाले खुश होकर बलराज को जज कहकर पुकारते थे।
बलराज मे जज जैसा एक अद्भुत गुण था, वह सबसे पहले दोनों पक्षों कि सुनने के बाद उनकी बात का निचोड़ करके फैसला सुनाता था। और बलराज के गांव का प्रधान उदय सिंह बलराज का बहुत सम्मान करता था।
उदय सिंह प्रधान की बेटी बबीता शहर से पढ़ाई पूरी करके अपने गांव में आती है। बलराज और बबीता बचपन के अच्छे दोस्त हैं।
बबीता बलराज की सहायता से गांव में आठवीं तक विद्यालय खोल देती है। बलराज और बबीता की मेहनत और लगन की वजह से आठवीं तक का विद्यालय 12वीं कक्षा तक का बन जाता है।
12वीं तक शिक्षा मिलने की वजह से आसपास के गांव के बच्चे उन्नति करने लगते हैं। जब बलराज और बबीता के गांव के बच्चे और आसपास के गांव के बच्चे शिक्षित हो जाते हैं तो बलराज और बबीता की वजह से उनके गांव का दूर तक सम्मान हो जाता है।
एक दिन गांव की पंचायत में एक बहुत ही उलझी हुई समस्या आती है। और उस दिन बबीता भी गांव की पंचायत में जाती है। जिस समय बलराज उस समस्या को बड़ी आसानी से सुलझा देता है, तो गांव के लोग खुश होकर बलराज की वाह-वाह करते हुए कहते हैं कि "बलराज एक जज की तरह फैसला सुनाता है।"
जब बलराज को पूरा गांव इतना सम्मान देता है, तो बबीता दिल ही दिल बहुत खुश होती है।
और बबीता को किसी जरूरी काम से शहर जाना पड़ता है। वह जब शहर से वापस आती है, तो गगन नाम के लड़के को अपने साथ लेकर आती है। गगन बबीता के साथ शहर में ही पढ़ाई करता था अपने गांव आने के बाद बबीता गगन का परिचय अपने पिता उदय सिंह और मां से कराने के बाद गांव वालों से करवाती है।
बबीता और गगन कॉलेज के समय से एक-दूसरे को सच्चे मन से चाहते थे। बबीता अपने माता-पिता से गगन को मिलवाने के बाद अपने पिता उदय सिंह और मां सुलोचना से कहती है कि "मैं गगन से शादी करना चाहती हूं।"बबीता के माता-पिता को भी गगन पसंद आ जाता है।
और दूसरे दिन ही उदय सिंह का कत्ल हो जाता है। गांव वालों का पूरा शक गगन पर जाता है, क्योंकि बबीता उदय सिंह सुलोचना की इकलौती बेटी थी। पूरे गांव को पक्का यकीन हो जाता है कि धन दौलत के लालच में गगन ने बबीता के पिता की हत्या कर दी है।
और गांव वाले उदय सिंह की हत्या की सच्चाई जानने के लिए पंचायत बुलाते हैं। और उस पंचायत में बलराज को जज बनाते है।
लेकिन आज तक बलराज ईमानदारी सच्चाई और अपनी बुद्धि जो भी फैसले करता था, उनमें हमेशा इंसाफ होता था। लेकिन आज बलराज बबीता के प्यार में फस कर गगन को बबीता के पिता उदय सिंह की हत्या के झूठे इल्जाम में फंसा देता है।
और पूरे गांव के लोग इकट्ठा होकर गगन को पुलिस बुलवाकर पकड़ा देते हैं। कुछ महीनों बाद बलराज की दलीलों के बाद गगन को फांसी की सजा हो जाती है। लेकिन बलराज को पता था कि बबीता के पिता की हत्या एक चोर ने की है।
Sushi saxena
14-Mar-2023 08:05 PM
Nice
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sunanda
14-Mar-2023 04:52 PM
nice
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डॉ. रामबली मिश्र
14-Mar-2023 09:50 AM
बहुत खूब
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